Important Links
हास्य काव्य |
भारतीय काव्य में रसों की संख्या नौ ही मानी गई है जिनमें से हास्य रस (Hasya Ras) प्रमुख रस है जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं - श्रृंगार रस (रति भाव), हास्य रस (हास), करुण रस (शोक), रौद्र रस (क्रोध), वीर रस (उत्साह), भयानक रस (भय), वीभत्स रस (घृणा, जुगुप्सा), अद्भुत रस (आश्चर्य), शांत रस (निर्वेद)। |
Articles Under this Category |
बेधड़क दोहावली - बेधड़क |
गुस्सा ऐसा कीजिए, जिससे होय कमाल । |
more... |
सत्य-असत्य में अंतर - शरदेन्दु शुक्ल 'शरद' |
मैंने चवन्नी डाली |
more... |
स्वाभिमानी व्यक्तित्व - भारतेन्दु हरिश्चन्द्र |
हिन्दी साहित्य की सभी विधाओं में सफलतापूर्वक साहित्य रचना करने वाले भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने अपने स्वाभिमानी व्यक्तित्व का परिचय निम्न कवित्त में दिया है-- |
more... |
तीन तरह के लोग - प्रदीप चौबे |
इस देश में |
more... |